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কন্যা শিশুৰ ক্ষেত্ৰত এক সবল সামাজিক স্থিতি গঢ়ি তোলাৰ উদ্দেশ্যে পৰামৰ্শৰ আহ্বান

Start Date: 22-01-2019
End Date: 31-12-2022

যিসময়ত সমাজৰ মহিলাই অসীম ধৈৰ্য, সাহস আৰু একাগ্ৰতাৰে বিভিন্ন দিশত ...

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যিসময়ত সমাজৰ মহিলাই অসীম ধৈৰ্য, সাহস আৰু একাগ্ৰতাৰে বিভিন্ন দিশত পাৰদৰ্শিতা প্ৰদৰ্শনেৰে এক সুকীয়া পৰিচয় লাভ কৰিবলৈ সক্ষম হৈছে সেই সময়তে কিন্তু সেই একেখন সমাজতেই আন একাংশই কন্যা শিশু জন্ম হোৱাটো এক অভিশাপ ৰূপে গণ্য কৰি আহিছে। যুগ যুগ ধৰি আমাৰ সমাজৰ সকলো ক্ষেত্ৰতে মহিলাৰ পৰিৱৰ্তে পুৰুষক প্ৰাধান্য তথা অগ্ৰাধিকাৰ দিয়াৰ মানসিকতাই মহিলাসকলক বিভিন্ন ক্ষেত্ৰত অৱহেলিত হিচাবে গণ্য কৰা দেখা যায়। ভ্ৰূণ হত্যা, শাৰীৰিক আৰু মানসিক নিৰ্যাতন, লিংগ বৈষম্য আদি সমাজৰ ব্যাধিসমূহৰ বাবে এতিয়াও আমাৰ সমাজখন বিভিন্ন ক্ষেত্ৰত পিছপৰি ৰৈছে। এনে পৰিপ্ৰেক্ষিতত এক সুস্থ বাতাবৰণ সৃষ্টিৰে কন্যা শিশুসকলৰ উপযুক্ত সুৰক্ষা প্ৰদান কৰাটো এগৰাকী সচেতন নাগৰিক হিচাবে আমাৰ প্ৰত্যেকৰে প্ৰধান দায়িত্ব হোৱা উচিত। উপযুক্ত শিক্ষা প্ৰদানেৰে প্ৰতিগৰাকী কন্যা শিশুক একো একোগৰাকী সু- নাগৰিক ৰূপে গঢ় দিয়াৰ ক্ষেত্ৰত আমি প্ৰত্যেকেই দায়ৱদ্ধ হোৱাতো সময়ৰ এক আহ্বান।

“ৰাষ্ট্ৰীয় কন্যা শিশু দিৱস” উপলক্ষে জনতাৰ চৰকাৰ মাই গভ্‍ অসমে নিম্ন উল্লেখিত দিশসমূহৰ ক্ষেত্ৰত জনসাধাৰণৰ পৰামৰ্শ বিচাৰিছে।

• কন্যা শিশুৰ সৰ্বাংগীন বিকাশৰ ক্ষেত্ৰত সামাজিক দায়ৱদ্ধতা
• কন্যা শিশুৰ অধিকাৰ, আশা-আকাংক্ষা পূৰণ আদিৰ ক্ষেত্ৰত সজাগতা সৃষ্টি
• কন্যা শিশুৰ নিৰাপত্তা সুনিশ্চিতকৰণৰ ক্ষেত্ৰত সমাজৰ স্থিতি

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BrahmDevYadav 2 বছৰ 9 হিচাপপূৰ্বে

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निष्कर्ष:-
बालिका शिक्षा के लिये लड़कों की तरह ही लड़कियों को समान अवसर दिये जाने चाहिए और उन्हें किसी भी विकास के अवसर से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। देश भर में महिलाये, विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के स्तर के महत्व और प्रगति के लिए उचित जागरूकता कार्यक्रम आवश्यक है।

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BrahmDevYadav 2 বছৰ 9 হিচাপপূৰ্বে

भारत में महिलाओं की क्या भूमिका है?
लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण करना सतत विकास लक्ष्यों में एक प्रमुखता है। वर्तमान में प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण, समावेशी आर्थिक और सामाजिक विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया गया है। महिलाओं में जन्मजात नेतृत्व गुण समाज के लिए संपत्ति हैं।

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महिला शिक्षा को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?
भारत में महिला शिक्षा को प्रभावित करने वाले कुछ कारक इस प्रकार हैं:-
1.बालिकाओं का जन्म और कुपोषण
2.कम उम्र में यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार
3.माता-पिता की निम्न सामाजिक-आर्थिक स्थिति
4.बचपन में संक्रमण और कम प्रतिरक्षा शक्ति
5.उनके जीवन में कई सामाजिक प्रतिबंध और वर्जित हैं

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क्यों शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों के स्कूल छोड़ने की दर अधिक है?
लड़कियों ने अपने स्कूल छोड़ने का सबसे सामान्य कारण माता-पिता के खराब वित्तीय हालत बताए, जिसका मतलब हो सकता है कि माता-पिता स्कूली खर्चे जैसे किताबें, स्कूल आने-जाने का खर्च नहीं उठा सकते हैं या फिर उन्हें अपनी बेटियों से आर्थिक सहयोग की जरूरत पड़ती है।

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BrahmDevYadav 2 বছৰ 9 হিচাপপূৰ্বে

भारत में महिलाओं की शिक्षा की मुख्य समस्या क्या है?
छुआछुत, बाल-विवाह, पर्दा प्रथा जैसी रूढ़ियों के कारण अनेक बालिकाओं को शिक्षा से वंचित रह जाना पड़ता है। रूढिवादी व्यक्ति के विचार में लड़कियाँ शिक्षा प्राप्त करके समानता व स्वतंत्रता की मांग करती है जो स्त्री चरित्र हीनता का सूचक होती है, ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार की समस्या और भी अधिक उग्र प्रतीत होती है।

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शिक्षा का उद्देश्य क्या है?
जीवन की विभिन्नता पर नियंत्रण रखना तथा जीवन के मूल्यों को प्राप्त करना सफल जीवन की कुंजी हैं। व्यक्ति को यह सफलता केवल उस समय ही प्राप्त हो सकती है जब शिक्षा के उद्देश्य इतने उत्तम हों कि वे व्यक्ति को उसके इस लक्ष्य की प्राप्ति में पूर्ण सहयोग प्रदान करें।

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BrahmDevYadav 2 বছৰ 9 হিচাপপূৰ্বে

शिक्षा के चार उद्देश्य क्या हैं?
स्कूली शिक्षा के उद्देश्यों के बारे में मान्यताओं के संबंध में चार श्रेणियों की पहचान की गई:-
(1) आत्म-ज्ञान सीखना और प्राप्त करना ।
(2) जीवन और सामाजिक कौशल विकसित करना।
(3) जीवन की संभावनाओं और जीवन की गुणवत्ता का अनुकूलन करना ।
(4) भविष्य के रोजगार और आर्थिक भलाई को सक्षम करने के लिए ।

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BrahmDevYadav 2 বছৰ 9 হিচাপপূৰ্বে

भारत में स्त्रियों में शिक्षा के लिए क्या क्या किया जा रहा है?
पूर्ण साक्षरता अभियान, जो शिक्षा की मांग, विशेषकर महिलाओं में शिक्षा की माँग बढ़ाने में सफल रहा है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत सभी 450 जिलों में दाखिला लेने वाले प्रौढ़ों में 60 प्रतिशत महिलाएँ । महिलाओं की कम साक्षरता वाले 163 जिलों में जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

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BrahmDevYadav 2 বছৰ 9 হিচাপপূৰ্বে

महिलाओं की बेहतर शिक्षा के लिए क्या क्या करना चाहिए?
सामाजिक स्तर पर शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहल किए जाने की आवश्यकता है। गांव के सरपंच व प्रबुद्ध लोगों को अपने स्तर पर आगे आकर महिला शिक्षा की पहल करनी चाहिए। मैं मानती हूं कि घर से थोड़ा-सा प्रोत्साहन मिलने से लड़कियां स्वयं ही शिक्षा के लिए आगे आ जाती हैं। बस उन्हें घर से सहयोग मिलने की आवश्यकता है।

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BrahmDevYadav 2 বছৰ 9 হিচাপপূৰ্বে

स्त्री शिक्षा का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?
इसे सुनें रोकें एक बेटी शिक्षित होती है तो वह शिक्षा का उपयोग अपने पूरे परिवार को साक्षर बनाने व उसके हित के लिए करती है। शिक्षा के कारण ही वह स्वयं के अधिकारों को सुरक्षित करती है और स्वयं को सक्षम बनाती है। इससे परिवार आसानी से चलता रहेगा। स्त्रियों की भागीदारी से देश का आर्थिक विकास और सकल घरेलू उत्पादन बढ़ जाता है।