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এইবেলিৰ দীপান্বিতা আপুনি কেনেদৰে উদযাপন কৰিব?

Start Date: 23-10-2019
End Date: 20-11-2020

ভাৰতীয় ঐতিহ্য আাৰু পৰম্পৰাৰ এক গুৰুত্বপূৰ্ণ উৎসৱ হ’ল - দীপান্বিতা। ...

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ভাৰতীয় ঐতিহ্য আাৰু পৰম্পৰাৰ এক গুৰুত্বপূৰ্ণ উৎসৱ হ’ল - দীপান্বিতা। বহু শতিকাজুৰি চলি অহা এই পোহৰৰ উৎসৱে দেশক দিয়ে এক অনন্য পৰিচয়। দেশৰ লগতে বিদেশৰো বহু প্ৰান্তত এই পোহৰ আৰু আনন্দৰ উৎসৱ উলহ মালহেৰে পালন কৰা হয়।

কিন্তু এই উৎসৱৰ লগতে সঘনাই চৰ্চিত হৈ থকা বিষয়টো হ’ল বায়ু আৰু শব্দ প্ৰদূষণৰ অত্যধিক মাত্ৰা। পৰিৱেশ প্ৰদূষণৰ দিশটোৰ প্ৰতি লক্ষ্য ৰাখি চৰকাৰে বিভিন্ন নীতি-নিৰ্দেশনা জাৰী কৰিছে যদিও ইয়াৰ প্ৰতি জন সচেতনতাৰ অভাৱ হোৱা পৰিলক্ষিত হয়। ইয়াৰ লগতে বিভিন্ন সময়ত দীপান্বিতাকে ধৰি অন্যান্য উৎসৱ পাৰ্বনত ফটকা ফুটুৱা আৰু পৰিৱেশ প্ৰদূষণৰ দিশটোক লৈ বিভিন্ন বিতৰ্কৰ সূচনা হোৱা দেখা যায়। এই ক্ষেত্ৰত আপোনাৰ অনুভৱ কেনে? এইবাৰৰ দীপান্বিতা আপুনি কেনেদৰে উদযাপন কৰাৰ পৰিকল্পনা কৰিছে? আপোনাৰ অনুভৱ আমালৈ প্ৰেৰণ কৰিব পাৰে তলত মন্তব্য আকাৰে।

আপোনাকে ধৰি পৰিয়ালৰ সকলোলৈকে দীপান্বিতাৰ আন্তৰিক শুভকামনা যাঁচিলো।

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Prasanta Purakayastha 4 বছৰ 5 হিচাপপূৰ্বে

We all should celebrate diwali without bursting crackers.clean environment and green environment should be our motto during diwali .we should use environment friendly items during festivals...I celebrated diwali without bursting a single cracker.thanks.

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Bhawna 4 বছৰ 5 হিচাপপূৰ্বে

दीपावली का महत्व
यह रौशनी का त्यौहार है, जो अंधकार में रोशनी के रूप में विजय का प्रतीक है, यह भारत का एक मात्र ऐसा त्यौहार है, जो लगातार पांच दिन तक चलता रहता है, इस त्यौहार का इतना महत्व है, कि लोग घर में कोई भी नयी वस्तु खरीदनी होती है, उस समय धनतेरस की प्रतीक्षा की जाती है | दीपावली वास्तव में एक मिलन का त्यौहार है, जिसमे सभी लोग एक साथ एकत्रित होकर खुशियाँ मानते है | भारत में बहुत से लोग अपने घर से दूर रह कर जॉब करते है, इस दीपावली की शुभ अवसर पर वह सभी अपने घर आते है

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Bhawna 4 বছৰ 5 হিচাপপূৰ্বে

कारण
हिन्दू महाकाव्य रामायण के अनुसार भगवान राम 14 वर्ष के पश्चात रावण का वध करके अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वापस अपने राज्य अयोध्या आये थे | भगवान राम के वापस आने की ख़ुशी में अयोध्यावासी अपने घर और राज्य को मिट्टी के बने दीपक से सजाया और उत्सव मनाया था | इसी कारण से प्रत्येक वर्ष इसी दिन को दीपावली के रूप में मनाया जाता है |

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Bhawna 4 বছৰ 5 হিচাপপূৰ্বে

घर पर माता जी घर में रंगोली बनाती है, इसके अतिरिक्त वह नयी और आकर्षक मिठाईयॉ, नये व्यंजन जैसे गुँजिया, लड्डू, गुलाब जामुन, जलेबी, पेडे और अन्य तरह के व्यजंन बनाती है, जिसका पूरा परिवार आनंद लेता है |

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Bhawna 4 বছৰ 5 হিচাপপূৰ্বে

दीपावली का त्यौहार मनाना
दीपावली वाले दिन शाम के समय लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है, इस पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्य मिठाई और उपहार का आदान-प्रदान करते है, सभी लोग अपने बड़ों का आशीर्वाद लेते है, बच्चे पटाखे छुड़ाते है, पूरा आसमान आतिशबाजी से भर जाता है | पूजा के बाद सभी लोग पकवान का आनंद लेते है | सभी लोग एक दूसरे को दीपावली की शुभकानाएं तथा उपहार भेंट करते है |

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Bhawna 4 বছৰ 5 হিচাপপূৰ্বে

दीपावली त्यौहार की अवधि
यह त्यौहार पाँच दिन का होता है (धनतेरस, नरक चतुर्दशी, अमावस्या, कार्तिक सुधा पधमी, यम द्वितीया या भाई दूज) धनतेरस दीपावली का प्रथम दिन है, इसमें घर के लिए नयी वस्तुओं को खरीदा जाता है तथा भाई दूज दीपावली का अंतिम दिन है, यह बहन और भाई का उत्सव है |

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Bhawna 4 বছৰ 5 হিচাপপূৰ্বে

दीपावली की तैयारी
दीपावली की तैयारी हम एक महीने पहले से ही करने लगते है, इसके लिए हम पूरें घर में साफ़ -सफाई करते है तथा घर में रंग-रोगन का कार्य कराया जाता है, जिससे घर सुंदर और साफ़ दिखे |

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Bhawna 4 বছৰ 5 হিচাপপূৰ্বে

दीपावली भारत का प्रमुख त्यौहार है | यह सम्पूर्ण विश्व में मुख्यतः हिन्दूओं और जैनियों द्वारा मनाया जाता है, इस दिन विभिन्न देशों जैसे तोबागो, सिंगापुर, सुरीनम, नेपाल, मारीशस, गुयाना, त्रिनद और श्री लंका, म्यांमार, मलेशिया और फिजी में राष्ट्रीय अवकाश होता है | इस त्यौहार में विविध रंगों के प्रयोग से रंगोली सजाई जाती है तथा प्रकाश से सम्पूर्ण घर को सजाया जाता है, तथा हिन्दू मान्यता के अनुसार लक्ष्मी गणेश की पूजा की जाती है | इस पेज पर दिवाली (दीपावली) का त्यौहार के विषय में सम्पूर्ण जानकरी प्रदान