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আপোনাৰ অনুভৱেৰে মাতৃলৈ চেনেহৰ উপহাৰ

Start Date: 08-05-2019
End Date: 20-05-2019

মাতৃ অবিহনে এই পৃথিৱীত কোনো ব্যক্তিৰ যাত্ৰা সম্পূৰ্ণ হ’ব নোৱাৰে। ...

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মাতৃ অবিহনে এই পৃথিৱীত কোনো ব্যক্তিৰ যাত্ৰা সম্পূৰ্ণ হ’ব নোৱাৰে। মাতৃৰ কোলাতে আৰম্ভ হয় জীৱনৰ আদি পাঠশালা। অনেক প্ৰত্যাহ্বান নেওচি জীৱনযাত্ৰাত আগুৱাই যোৱাৰ প্ৰেৰণা যোগায় মাতৃয়ে। সেয়েহে মাতৃস্নেহৰ স্বীকৃতিস্বৰূপে প্ৰতি বছৰে মে’ মাহৰ দ্বিতীয় দেওবাৰটো “আন্তৰ্জাতিক মাতৃ দিৱস” হিচাবে পালন কৰা হয়।
অহা ১২ মে’ মাতৃ দিৱস উপলক্ষে মাতৃৰ স’তে থকা আপোনাৰ স্মৰণীয় মুহূৰ্তবোৰ জনতাৰ চৰকাৰ MyGov Assam ৰ জৰিয়তে শ্বেয়াৰ কৰক।
আপোনাৰ মাতৃলৈ মৰমৰ কৃতজ্ঞতাৰে তেওঁৰ বাবে লিখা এটি গীত, ভিডিঅ’, সৰল মুহুৰ্ত (Candid Moments)-ৰ ফটো , কবিতা অথবা যিকোনো লেখা জনতাৰ চৰকাৰ MyGov Assam লৈ প্ৰেৰণ কৰক।

শ্ৰেষ্ঠ হিচাবে নিৰ্বাচিত সমল জনতাৰ চৰকাৰ MyGov Assam ৰ ছ’চিয়েল মিডিয়া প্লেটফৰ্মসমূহত ব্যৱহাৰ কৰা হ’ব।

অন্তিম তাৰিখ – ২০ মে’, ২০১৯

(লেখা অথবা সমল মৌলিক হোৱাটো বাধ্যতামূলক)

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Pooja Rajput 6 বছৰ 2 সপ্তাহ পূৰ্বে

माँ एक एहसास है.. जो पल पल मुझमे उठता है,
मुझमे पलते गुण उसके.. हर दर्पण चहरा वह दिखता है।

माँ मेरी एक आस है.. हर कोशिश उसका आशीर्वाद है,
हर अंधेरा चीर कर आती.. वह दुआओं मे विकसित प्रकाश है।
माँ एक एहसास है.. जो पल पल मुझमे उठता है,
मुझमे पलते गुण उसके.. हर दर्पण चहरा वह दिखता है।

माँ मुझमे समर्पित विशवास है..सोच से जुड़ता एक विचार है,
दूरी को न्यून करती ताक़त है माँ..मेरा जीवन देता प्रमाण है।
मै माँ से हुँ पनपी.. हुँ उसका अंश..मेरी हर हरकत देती उसकी पहचान है।
माँ एक एहसास है..

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Somendra Shukla 6 বছৰ 2 সপ্তাহ পূৰ্বে

कुछ कुछ याद है मुझे,अपने बचपन के वो दिन
माँ तुमने संवार दिए, मेरे बचपन के वो दिन
स्वयं को तृण समान समझकर ,
मुझे स्वर्ण समान समझकर
तुम मुझमे जीवन भरती रही
मेरी और सिर्फ मेरी परवाह करती रही
मुझे अब भी याद है मेरे बचपन के वो दिन
नन्हे नन्हे पाँव मेरे
पर मंजिल काफी दूर थी
तब उनका सहारा
माँ तुम थी हाँ माँ तुम थी
नन्ही नन्ही उँगलियाँ मेरी
कुछ पाने को चिंतित थी
तब उनका सुकून
तुम थी हाँ मां तुम थी
माँ तुम मेरे साथ हो :
ईश्वर करे हमेशा रहो
आज भी मेरा सारा जीवन
तुम ही ,हो माँ तुम हो

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Omlata Banswal 6 বছৰ 2 সপ্তাহ পূৰ্বে

माँ एक शब्द नहीं सम्पूर्ण दुनिया समायीं इसमें
क्या कहूँ सब कुछ हूँ मैं माँ के लिए, उनकी सब इच्छाएँ मुझ से है
मेरी हर कामयाबी पर तालियां बजती है और हर हार पे भी मेरे साथ है
कहती "ये अंत नहीं शुरुआत है उजाले की ! गलतियां सिखाती है सबक जीने का , इन अंधेरों से मत घबराना,अंधेरों के पार उजाला है"
पास मुझे पाओगी तुम, हर पल साथ तुम्हारे हूँ
मत दूर मुझे समझना तुम

माँ एक शब्द नहीं सम्पूर्ण दुनिया समायीं इसमें

1000

Omlata Banswal 6 বছৰ 2 সপ্তাহ পূৰ্বে

माँ

माँ एक शब्द नहीं सम्पूर्ण दुनिया समाया इसमें

क्या कहूँ सब कुछ हूँ मैं माँ के लिए, उनकी सब इच्छाएँ मुझ से है , मुझ से ही हर सपना जुड़ा है ! मै हंस दूँ तो हंस देती मै रो दू तो रो देती !

मेरी हर कामयाबी पर तालियां बजती है और हर हार पे भी मेरे साथ है
कहती "ये अंत नहीं शुरुआत है उजाले की ! गलतियां सिखाती है सबक जीने का , इन अंधेरों से मत घबराना,अंधेरों के पार उजाला है"

माँ एक शब्द नहीं सम्पूर्ण दुनिया समाया इसमें