সৃজনশীল শাখা
- 'প্ৰজ্ঞা অসম' কুইজ
- Advantage Assam
- Agriculture Department, Assam
- Animal Husbandry and Veterinary Department, Assam
- Assam Employment And Labour Department
- Assam Health And Family Welfare Department
- Assam Police
- Assam Power Distribution Company Limited
- Assam Science And Technology Department
- Assam Skill Development Mission (ASDM)
- Chief Minister Samagra Gramya Unnayan Yojana
- ক্ৰিয়েটিভ কৰ্ণাৰ
- Cultural Affairs Department, Assam
- Department of Education, Govt. of Assam
- Discover Assam
- Environment and Forests Department, Assam
- Finance Department, Assam
- Gyan Bharati
- Inspiring Assam
- Social Welfare Department
- Transport Department, Assam
- Yoga
- প্ৰাগজ্যোতিষৰ জিলিঙনি
অসম চৰকাৰৰ নেতৃত্বত ভূমিহীন খিলঞ্জীয়া পৰিয়াললৈ ভূমি পট্টা
Start Date: 03-10-2020
End Date: 31-10-2023
BrahmDevYadav 7 হিচাপ 2 সপ্তাহ পূৰ্বে
क्या पट्टा एक संपत्ति सही है?
एक पट्टा भूमि के स्वामित्व का एक रूप है, हालांकि, फ्रीहोल्ड स्वामित्व के विपरीत, जो हमेशा के लिए रहता है, लीजहोल्ड स्वामित्व एक निर्दिष्ट अवधि के लिए रहता है। एक पट्टा एक कानूनी संपत्ति का रूप ले सकता है या इसे बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली औपचारिकता के आधार पर यह एक समान हित हो सकता है।
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आबादी जमीन पर किसका हक होता है?
जिन परिवारों के पास स्वयं का मकान तो है, किंतु आवास की जमीन का पट्टा नहीं है, ऐसे परिवारों को मुख्यमंत्री आबादी पट्टा दिया जा रहा है, ताकि उन्हें जमीन का मालिकाना हक मिल सके।
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ग्राम समाज की जमीन का मालिक कौन होता है?
ग्राम समाज की जमीन भी सरकारी जमीन होती है। इसका स्वामित्व प्रदेश सरकार का होता है, अलबत्ता देख रेख एवं सार संभाल का जिम्मा ग्राम पंचायतों का होता है।
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वसीयत को कौन चैलेंज कर सकता है?
वसीयत को इन परिस्थितियों में चैलेंज किया जा सकता है। उचित निष्पादन का अभाव: एक वसीयत लिखित रूप में होनी चाहिए, दो गवाहों की उपस्थिति में वसीयतकर्ता द्वारा हस्ताक्षरित और गवाहों द्वारा प्रमाणित होने के लिए वैध माना जाना चाहिए। यदि प्रक्रिया का सख्ती से पालन नहीं किया जाता है तो वसीयत को अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
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ग्राम समाज की जमीन का पट्टा कैसे होता है?
राजस्व विभाग ने जमीन का पट्टा यानि हैसियत प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा प्रदान किया है। आप घर बैठे अपने मोबाइल या कंप्यूटर से अपने घर जमीन के पट्टे हेतु आवेदन कर सकते है। इसके लिए आपको वेब पोर्टल पर निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा। उसके बाद आप ऑनलाइन आवेदन कर पाएंगे।
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पट्टे वाली जमीन कैसे खरीदे?
अभिसरण करने के लिए, खरीदार को एसडीएम के साथ सभी संबंधित दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा। इस बात पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि भूमि स्वामी से संबंधित पुराने दस्तावेज तहसीलदार के कार्यालय से प्राप्त किए जा सकते हैं। संपत्ति की वैधता की जांच करने के लिए खरीदार को मालिकाना इतिहास देखना चाहिए।
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भारत में एक व्यक्ति कितनी जमीन रख सकता है?
इसके तहत कोई भी व्यक्ति बहु फसलीय अधिकतम 18 एकड़ जमीन ही रख सकता था। इस सीमा से अधिक जमीन सरकार ने ले ली थी। दो फसली खेत के लिए यह सीमा 32 एकड़ है। इसी तरह किसी किसान के पास सिंचित जमीन 36 एकड़ से अधिक नहीं हो सकती।
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आबादी घोषित कैसे होती है?
प्रदेश सरकार द्वारा कानून बनाया गया है कि कोई भी व्यक्ति बिना भूमि के नहीं रहेगा। इसलिए ऐसे परिवारों को चिन्हित किया जाए जिन्हें आवासीय पट्टे देना है तथा जिन गांव में आवासीय भूमि की कमी है वहां तहसीलदार आबादी भूमि घोषित करने हेतु प्रस्ताव कलेक्टर कार्यालय भेजें।
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आबादी जमीन को अपने नाम कैसे करवाएं?
आबादी जमीन का पट्टा बनने हेतु आपको इसके जरूरी आवश्यक शर्त को पूरा करना होगा। आपको अपने स्थानीय प्रशासन यानि की ग्राम पंचायत या नगर पंचायत द्वारा पारित प्रस्ताव पर ही आपके नाम से आबादी जमीन का पट्टा जारी किया जाता है। आबादी जमीन का पट्टा बनने हेतु सभी दस्तावेजों का होना आवश्यक है।
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आबादी की जमीन पर किसका हक होता है?
आबादी पट्टे से ग्रामीणों को सीमांकन, जमानत, ऋण, आय, जाति, निवास प्रमाणपत्र बनाने की सुविधा भी मिलेगी। पट्टाधारी अपनी भूमि को आवश्यकता पड़ने पर दूसरे व्यक्ति को बेच भी सकता है। पट्टाधारी की मृत्यु के बाद पट्टे की भूमि का आसानी से नामांतरण हो सकता है और भविष्य में किसी प्रकार का भू अर्जन होने पर मुआवजा भी मिलेगा।